भविष्य की दुनिया क्या कनेक्टेड होगी?
भविष्य की पीढ़ियां जिस दुनिया में रहेंगी वे हर लिहाज़ से ज़्यादा कनेक्टेड (जुड़ी हुई) होंगी. लेखक टेड विलियम्स पूछते हैं कि क्या ये एक जुड़ी हुई दुनिया यानी कनेक्टेड वर्ल्ड कैसे हमारे समाज और हमें बदल देगी.
"तर्कशील व्यक्ति दुनिया के हिसाब से खुद को ढाल लेता है जबकि अविवेकी व्यक्ति दुनिया को अपने हिसाब से ढालने की कोशिश करता है. इसलिए जितनी भी तरक्की है वह अविवेकी मनुष्य पर निर्भर है." जॉर्ज बर्नार्ड शॉ
तकनीक के हर बड़े क़दम ने मानव समाज को व्यापक रूप में बदला है. इसलिए ही हम जानते हैं कि वे बड़े तकनीकी बदलाव थे.
भले ही हम उन्हें तब महसूस नहीं कर पाते हैं जब वे घटित हो रहे होते हैं.
निजी विचार और समूह
जेबीएस हेल्डेन के ब्रह्मांड के बारे में दिए गए प्रसिद्ध वक्तव्य में कहा जाए तो, 'भविष्य आपकी कल्पना से अलग नहीं होगा बल्कि जितनी आप कल्पना कर सकते हैं उससे बहुत अलग होगा.'
हम सामाजिक प्राणी हैं लेकिन भिन्न होने के ख़तरे तब से कम हुए हैं जब से व्यक्तिवाद हमारे समाज और स्वयं हम में बड़ी ताक़त बनता चला गया है.
नवीन तकनीक एक बड़ा कारण है. दो शक्तिशाली बल अब तेज़ी से समाज और व्यक्ति के बीच के समीकरण बदल रहे हैं.
व्यक्तिवाद का केंद्रीकरण और एक बंटे हुए समाज से अस्थिर और समस्तरीय समाज के प्रति निष्ठा का हस्तांतरण.
अपने शानदार उपन्यास 'केट्स क्रेडल' में कर्न वोनॉट ने एक ऐसे धर्म की खोज की जो मानवीय रिश्तों को 'कारासेज़' या फ़िर 'ग्रेनफॉलूंस' में परिभाषित करता है.
कारासेज़ का मतलब है लोगों के बीच में सच्चा संपर्क जो स्वतः स्थापित होता है और ग्रेनफॉलूंस ऐसे रिश्ते हैं जो अधिकतर असत्य होते हैं यानि जन्म, रंग, स्थान आदि के आधार पर बनते हैं.
बहुत से धर्म और राष्ट्र, जैसे कि सच्चे समस्तरीय सामाजिक समूह, साझा विचारों के रूप में शुरु हुए लेकिन जैसे-जैसे ये संस्थाएं बढ़ी और बदली लोगों के बीच की सहमतियाँ धूमिल होती चली गईं.
अमरीका में उदार ईसाई, कट्टर ईसाइयों के मुकाबले उदार नास्तिकों से ज़्यादा मिलते-जुलते हैं.
तो फ़िर अमरीकी ईसाई कौन हैं? लेकिन ब्लूग्रास का एक प्रशंसक हमेसा ब्लूग्रास का ही संगीत पसंद करेगा भले ही वो टैनेसी में रहता है या ट्यूनीसिया में.
जो विचार आधिकारिक सीमाओं में क़ैद नहीं होते वे ही अपने अनुयायियों की उम्मीदों पर खरे उतरते हैं. जबकि राष्ट्र और धर्म बहुत ही कम लचीले होते हैं.
लेकिन यदि हम अपनी निष्ठाओं को अधिक व्यक्तिकत रुचियों जैसे कि पर्यावरण की राजनीति, बंदूकों पर मालिकाना हक़, पुराने फर्नीचर को ख़रीदना या फिर अंतरराष्ट्रीय मामलों पर नज़र रखना आदि की ओर करेंगे तो हम देशीय या अन्य सीमाओं में नया राजनीतिक गठबंधन बना लेंगे.
स्वास्थ्य क्रांति
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