लघुकथा-5
आदमी क चाल्हाँकी
एक बबुआ आपन बाबूजी से
पुछलें- बाबुजी, का आदमी धरती क सबसे चाल्हाँक जीव ह?
बाबूजी- एह भरम में कबो
मत रहिहS। तू आपन आस-पास क लोगन क बेवहार त तनि देखS!, रोज क
समाचार त देखS! समुच्चे मानव सभ्यता क इतिहास त देखS। केतना छोट-छोट बात प मार, झगरा आ जुद्ध भइल बा आ हो
रहल बा। अदमी में नया सोचे क छमता बहुत बा, लेकिन ओकरा नियन मूरख
प्राणी केहू नइखे।
मनुष्य की बुद्धिमानी
एक बच्चे ने अपने
पिता से पूछा- पिताजी क्या मनुष्य पृथ्वी का सबसे बुद्धिमान जीव है?
पिता- इस भ्रम में
कभी मत रहना। तुम अपने आस-पास के लोगों का व्यवहार देखो!, रोज
का समाचार देखो! पूरी मानव सभ्यता का इतिहास देखो! कितनी छोटी-छोटी बातों के लड़ाई, झगड़े और युद्ध हुए और हो रहे हैं। मनुष्य में रचनात्मक क्षमता बहुत है, लेकिन उसके जैसा मूर्ख प्राणी कोई नहीं है।
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